दश्त-ए-तन्हाई में ऐ जान-ए-जहान लरज़ान है
तेरी आवाज़ के साये तेरे होंठों के सराब
दश्त-ए-तन्हाई में ऐ जान-ए-जहान लरज़ान है
तेरी आवाज़ के साये तेरे होंठों के सराब
दश्त-ए-तन्हाई में दूरी के खस-ओ-खाग़ तले
खिल रहे हैं तेरे पहलू के सामें और गुलाब
दश्त-ए-तन्हाई में ऐ जान-ए-जहान लरज़ान है
दश्त-ए-तन्हाई में
उठ रही है कहीं क़ुरबत से तेरी साँस की आँच
अपनी खुशबू में सुलगती हुई
मद्धम, मद्धम दूर उफ़क़ पार चमकती हुइ
क़तरा क़तरा मिल रही है तेरी दिलदार नज़र की शबनम
दश्त-ए-तन्हाई में ऐ जान-ए-जहान लरज़ान है
दश्त-ए-तन्हाई में
इस क़दर प्यार से ऐ जान-ए-जहाँ रखा है
दिल के रुख़सार पे इस वक़्त तेरी याद ने हाथ
यूँ ग़ुमाँ होता है गरजे है अभी सुभ-ए-फ़िराक़
ढल गया हिज्र का दिन आ भी गयी वस्ल की रात
दश्त-ए-तन्हाई में ऐ जान-ए-जहान लरज़ान है
तेरी आवाज़ के साये तेरे होंठों के सराब
Ai Jaan-e-Jahan Larzan находится в Dasht-e-Tanhai
Ваш голос полон ваших губ
Ai Jaan-e-Jahan Larzan находится в Dasht-e-Tanhai
Ваш голос полон ваших губ
Расстояние в Дашт-и-Танхай
Расцветает ваш аспект и розы
Ai Jaan-e-Jahan Larzan находится в Dasht-e-Tanhai
В Dasht-e-Tanhai
Ваше дыхание где -то растет
Спать в вашем аромате
Мадхьям, Мэдхэм далеко
Катра Катра получает твое сердце
Ai Jaan-e-Jahan Larzan находится в Dasht-e-Tanhai
В Dasht-e-Tanhai
Я сохранил свою любовь с любовью
Ваша память в основе сердца в это время
Как это, есть гром
Хижр также прибыл
Ai Jaan-e-Jahan Larzan находится в Dasht-e-Tanhai
Ваш голос полон ваших губ