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  • Текст песни Spitfire - Black

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    Тут находится текст песни Spitfire - Black, а также перевод, видео и клип.

    This sh*t is called BLACK
    लो आज फिर एक मार गयी
    सूना सा वो आँगन कर गयी
    पर दूसरी थी दुनिया उस पारी की
    लो वापिस वो घर गयी
    भाषण और शुरू मुक़दमे
    मोमबत्ती जले दिए भी
    अधमरा पिता मा को है सदमे
    कोई दर्द का ज़हर पिए जी
    बस रब से अब एक गुज़ारिश
    मुझे अब ना बनाना तू इंसान
    रक्षक है या फिर साज़िश
    दर्र लगता है बड़ी हिंसा
    कोई ना बचा सभी जानवर
    चुप बैठे है सब जान कर
    ना शिकन ना चेहरे पे शर्म है
    मार दे रब को ये नाम पे धरम के
    सब देखु और क्या बाकी
    अँधा क़ानून भ्रास्त ये खाकी
    तस्वीरें लो पीडिता की
    बना लो खबरें निकालो झाँकी
    पर ना! कुछ ना होगा
    दिन दो निकलेंगे, दुख ना होगा
    देशवासी ये नींद में हैं
    हन कोई भी जागरूक ना होगा
    बुझती रहेगी क्या ज्योतिया
    कभी निर्भाया, कभी आसिफ़ा
    बड़ी ज़ैनब थी वो तितलिया
    पर उडद गयी वो होके फ़ना
    इस धरम की वो इस धरम का
    ये बदला है भाई किस जानम का?
    मानता ना उन को बेहन तू
    तुझ को घाम क्या! हॅट ये जनता
    मैं ढूनडता उजाले है घाना अंधेरा
    वो आवाज़ों का सूरज निकले हो सवेरा
    वो सब बुरा हुमारे उपर बीता भी है
    वो सब हुमारी बहने क्या है तेरा मेरा
    मैं ढूनडता उजालе है घाना अंधेरा
    वो आवाज़ों का सूरज निकले हो सवेरा
    वो सब बुरा हुमार उपर बीता भी है
    वो सब हुमारी बहने क्या है तेरा मेरा
    मैं ढूनडता उजाले है घाना अंधेरा
    तट हॉरर स्टोरी फ्रॉम कठुआ नाउ विच मेक्स योउ वंडर
    इफ़ इंडिया इस इनडीड सीरीयस अबौट सेविंग और डॉटर्स?
    सिर्फ़ समय बताएगा की कैसे लड़ूँगी
    लेकिन मैं हार नही मानूँगी
    लड़ती रहूंगी
    समाचार सब गये है बिक
    कुछ बात थी और कुछ देते लिख
    आएँगे दिन वो कब पूच्छो ना
    किरदार है वो एक काल्पनिक
    पर है ग़रीब की सुनता कौन
    कोई चीखता है कोई बैठा मौन
    लगवा निशान वो स्याही के
    हैं भूल जाते की जनता कौन
    देश पर आई आपदा
    कुछ मेरा जिस से है राबता
    सचाई बोलूँगा हो निडर
    डरपोक तू! तेरा ना पता
    पर लड़ ज़ुबान की तलवार से
    क्यू शांत बैठा तू हार के?
    भारत मा भी तो है औरत
    कही यूयेसेस को ना भी ये मार दे
    तो हन बोल या ना बोल
    पर कुछ तो तेरे विचार हो
    सब कुर्सियाँ वो हिल जाएँगी
    जो तेज़ &#

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